"मैला आँचल" - फणीश्वरनाथ रेणु की एक अमर कृति
“मैला आँचल” फणीश्वरनाथ रेणु की एक अमर कृति है है जिसे साहित्य जगत में अपना एक अलग स्थान प्राप्त है . ग्रामीण परिवेश और भारत की आंचलिकता को जिस तरह से रेणु ने वर्णन किया है शायद ही कोई और कर पाए. यह उपन्यास पढ़ते हुए आपको लगेगा की आप स्वंय एक किरदार की तरह हैं जो नेपाल की सीमा से सटे उत्तर-पूर्वी बिहार के एक पिछड़े ग्रामीण अंचल के मेरीगंज नामक उसी गाँव में रहते हैं और उन कहानी के पात्रों के साथ चल रहे हैं. कहानी के मुख्य पात्र हैं डॉ प्रशांत जो अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, मलेरिया और कालाजार पर रिसर्च करने के लिए इस गाँव में आये हैं. वो शहर में शिक्षित एक कुलीन व्यक्ति हैं जो ग्रामीण परिवेश को नज़दीक से देखते हुए अपना रिसर्च पूरा कर रहे हैं. इसी क्रम में ग्रामीण जीवन के पिछड़ेपन , दु:ख-दैन्य , अभाव , अज्ञान , अंधविश्वास के साथ-साथ तरह-तरह के सामाजिक शोषण-चक्र में फँसी हुई जनता की पीड़ाओं और संघर्षों से भी उसका साक्षात्कार होता है. इनके अलावा इस कहानी में और भी कई महत्वपूर्ण किरदार हाँ जो किसी भी सूरत में मुख्य किरदार से कम न...